प्रधानाचार्य
हिमालय की उपत्यका में अवस्थित सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा की राजधानी, ऋषियों का सम्मेलन स्थल, महाराज लव, राजा प्रसेनजित का शासन क्षेत्र, भर, भार, शिव राजाओं की राजधानी के कारण बहराइच का यह सुरम्य क्षेत्र ब्रह्माइच, बालार्कपुरी, बहराइच सरकार, भरराइच, भड़राइच आदि नामों से जाना गया। यहाँ का नैसर्गिक सौन्दर्य, वन्य सम्पदा, अथाह जलराशि से पूरित नदियों एवं झीलों से अनुपम दिखता है।
प्रबन्धक
महाराजा जनक के गुरू अष्टावक्र एवं बालार्क ऋषि की तपस्थली बहराइच में सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज अपने छात्रों के अध्ययनशीलता एवं लगन के कारण गौरवान्वित हो रहा है। यथा द्वादश के उत्तीर्ण छात्र अमन यादव, दुर्गेश यादव, अंशुमान शुक्ल, विवेक मिश्र, वरूण शर्मा, सौरभ बाबू, उमेश विश्वकर्मा, दिवाकर राजभर आदि द्वारा इंस्पायर छात्रवृत्ति में रूप में 110 छात्रों को 80,000 रु0 प्रतिवर्ष उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति प्राप्त होती है।
आवश्यकता आविष्कार की जननी है। समस्या एवं उसके निदान हेतु किया गया प्रयोग, छात्र को उच्च से उच्चतर स्तर तक पहुँचा सकता है यथा भै. अमितेश दीक्षित कक्षा सप्तम एवं ब. कृतिका मिश्रा कक्षा नवम ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रोजेक्ट प्रस्तुत कर महामहिम राष्ट्रपति डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा क्रमशः मैसूर (कर्नाटक 2002), पुणे (महाराष्ट्र 2007), पारूल मिश्रा, चण्डीगढ़ (पंजाब 2015) में पुरस्कृत हुए, तथा इंस्पायर द्वारा कृतिका मिश्रा को 12500/- शोभित पाण्डेय को 5000/-, दीप्तांशु को 5000/-, अर्पित दीक्षित को 5000/- का पुरस्कार मिला। मैं ऐसे प्रबुद्ध छात्रों को श्रेष्ठ वैज्ञानिक बनने का आशीर्वचन देता हूं।
बालक की अन्तर्निहित शक्तियों को प्रस्फुटित होने का वातावरण प्रदान कर राष्ट्र एवं जीव मात्र के हितार्थ श्रेष्ठतम उपादान ही सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज, बहराइच का ध्येय है। कक्षा शिक्षण के साथ कालेज में नियोजित सहपाठ्य क्रिया कलाप बालक/बालिका को श्रेष्ठता प्रदान कर रहे हैं। यथा भैया नवीन कुमार पाण्डेय जिसे मा. मुख्यमंत्री उ.प्र. तथा मा. राष्ट्रपति महामहिम श्री प्रणव मुखर्जी ने वैज्ञानिक उपलब्धि के लिए सम्मानित किया।
कौड़ियाला, गेरूआ, सरयू, घाघरा, टेढ़ी, राप्ती नदियों का जनपद - बहराइच के हृदय स्थल माधवपुरी स्थित सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज श्रेष्ठता को छू रहा है। इसे सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद वाराणसी एवं शिक्षा निदेशक उ0प्र0 शासन लखनऊ ने 'ए' श्रेणी घोषित किया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने विज्ञान सम्मान से श्री राजेन्द्र कुमार आचार्य को रू. 25000/- एवं शाल से सम्मानित किया। बहुत - बहुत साधुवाद।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा चहलारी नरेश बलभद्र सिंह, बौण्डी नरेश हरदत्त सिंह, ठा. हुकुम सिंह, वैद्य भगवान दीन की पुण्य भूमि बहराइच पर विद्या भारती के शिक्षा केन्द्र की स्थापना 1986 में हुई। आज कालेज की उपलब्धियों को जानकर अपार हर्ष हो रहा है यथा श्री कृष्ण कुमार ओझा (पूर्व छात्र) का दो बार विधायक, श्री भूपेन्द्र बहादुर सिंह का वैज्ञानिक होना, श्री प्रशान्त बाजपेई का आई.ए.एस. व आशीष शुक्ल का आई.पी.एस. होना। श्री बलराम शुक्ल, दीप्तांशु मिश्रएवं अभिव्यंजना श्रीवास्तव का मेरिट में आना। समस्त छात्र उनसे प्रेरित होते रहेंगे। बहुत - बहुत आशीर्वाद।