रवि कुमार शुक्ला

प्रधानाचार्य

हिमालय की उपत्यका में अवस्थित सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा की राजधानी, ऋषियों का सम्मेलन स्थल, महाराज लव, राजा प्रसेनजित का शासन क्षेत्र, भर, भार, शिव राजाओं की राजधानी के कारण बहराइच का यह सुरम्य क्षेत्र ब्रह्माइच, बालार्कपुरी, बहराइच सरकार, भरराइच, भड़राइच आदि नामों से जाना गया। यहाँ का नैसर्गिक सौन्दर्य, वन्य सम्पदा, अथाह जलराशि से पूरित नदियों एवं झीलों से अनुपम दिखता है।

बहराइच के हृदय स्थल माधवपुरी में विद्या भारती का दीपक जुलाई 1986 से शिक्षा क्षेत्र में राष्ट्रभक्ति, भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता से संस्कारित नागरिकों के निर्माण में सतत् प्रयत्नशील है। आधुनिक वैज्ञानिक अभिवृत्ति उत्पन्न कर सुसज्जित प्रयोगशालाओं एवं प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा प्रतियोगिता हेतु श्रेष्ठ छात्र/छात्रा को योग्य पृष्ठ पोषण प्रदान किया जाता है। विद्यालय का सूर्योन्मुखी आधुनिक साज सज्जा से युक्त भवन पुष्पों से लदे पेड़-पौधे बरबस ही मन मोह लेते हैं। मानक के अनुरूप प्रकाश एवं हवा युक्त कक्षा कक्ष (30) एवं शान्ति व्यवस्था, श्रेष्ठ अनुशासन किसी को भी सहज ही आकर्षित कर लेता है। ____ जिज्ञासा, परिकल्पना, अभिरूचि एवं विवेकपूर्ण संकल्प प्रत्येक विद्यार्थी को श्रेष्ठता प्रदान करता है। पठन, मनन, चिन्तन एवं आत्मसात करना, सीखने की स्वाभाविक प्रक्रिया है। विद्यार्थी आनुवांशिक गुणों से परिपुष्ठ होता है, परन्तु पर्यावरण ऐसा प्रभावी कारक है जिसको प्रदान कर विद्यार्थी को विश्व की अनुपम धरोहर के रूप में प्रकट किया जा सकता है। सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज का पर्यावरण अपने अनेक उपलब्धियों का द्योतक है।

रवि कुमार शुक्ला

प्रधानाचार्य

कमलेश कुमार अग्रवाल

प्रबन्धक

महाराजा जनक के गुरू अष्टावक्र एवं बालार्क ऋषि की तपस्थली बहराइच में सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज अपने छात्रों के अध्ययनशीलता एवं लगन के कारण गौरवान्वित हो रहा है।

यथा द्वादश के उत्तीर्ण छात्र अमन यादव, दुर्गेश यादव, अंशुमान शुक्ल, विवेक मिश्र, वरूण शर्मा, सौरभ बाबू, उमेश विश्वकर्मा, दिवाकर राजभर आदि द्वारा इंस्पायर छात्रवृत्ति में रूप में 110 छात्रों को 80,000 रु0 प्रतिवर्ष उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति प्राप्त होती है। श्रेष्ठ वैज्ञानिक बनकर राष्ट्र एवं विश्व को अपने वैज्ञानिक उपलब्धि से आलोकित करें।

कमलेश कुमार अग्रवाल

प्रबन्धक

हमारा वैशिष्ट्य

  1. प्रशिक्षित एवं अनुभवी शिक्षक
  2. अटल टिंकरिंग लैब से सज्जित प्रयोगशालाएं एवं कम्प्यूटर कक्ष, पुस्तकालय एवं वाचनालय कक्ष
  3. छात्र एवं आचार्य दैनन्दिनी,शैक्षिक पंचांग
  4. पंचमुखी शिक्षा एवं पंचपदी शिक्षण पद्धति
  5. छात्र संसद एवं छात्र न्यायालय (नेतृत्व विकास)
  6. पत्रिकाएं हस्त लिखित एवं क्षितिज (साहित्य सृजन)
  7. उपचारात्मक शिक्षण (कमजोर छात्रों हेतु)
  8. अनुशासन (विद्यालय का प्राण तत्व)
  9. विशाल क्रीड़ांगन एवं खेल-कूद की समुचित व्यवस्था।
  10. छात्रवृत्ति,शारीरिक, बौद्धिक प्रतियोगिताएं।
  11. इंग्लिश टर्मिनोलॉजी का प्रयोग
  12. अभिभावक सम्पर्क, गोष्ठी, सम्मेलन
  13. देश दर्शन, शिविर, वार्षिकोत्सव
  14. कक्षा अरुण से इण्टरमीडिएट तक बालक, बालिका की समुचित शिक्षणव्यवस्था।
  15. सचिव मा.शि.प. एवं शि.नि.उ.प्र. शासन द्वारा विद्यालय’ए’ श्रेणी घोषित।
  16. सतत् मूल्यांकन (गृहकार्य, स्वाध्याय, सहपाठय)
  17. विज्ञान एवं खेलकूद के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार
  18. इन्सपायर उपलब्धि 110 छात्रों को उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति।
  19. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग नई दिल्ली द्वारा बाल वैज्ञानिक नवीन पाण्डेय कक्षा द्वादश् को ___ मा. मुख्यमंत्री एवं मा. राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत व सम्मानित किया गया तथा जापान सरकार द्वारा आमंत्रित किया गया।
  20. प्रोजेक्टर द्वारा शिक्षण की व्यवस्था।
  21. विद्यालय में बस की सुविधा।
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